+91 9868340066
shiv.astro@yahoo.com
ज्योतिष शास्त्र: ज्योतिष शास्त्र एक प्राचीन वेदांग है, जिसे "वेद का चक्षु" कहा गया है। यह ज्ञान ऋषि भृगु और पराशर द्वारा प्रदान किया गया था। ज्योतिष शास्त्र ग्रहों, नक्षत्रों और अन्य खगोलीय पिंडों की स्थिति और उनके प्रभावों का अध्ययन करता है। इसके माध्यम से व्यक्ति के जीवन, व्यक्तित्व, स्वास्थ्य, करियर और भविष्य से जुड़े विभिन्न पहलुओं की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। जन्म के समय और स्थान के आधार पर एक कुंडली (Horoscope) बनाई जाती है, जो जीवन की दिशा और संभावनाओं का संकेत देती है।
जन्म कुंडली: जन्म कुंडली, जिसे अंग्रेज़ी में Horoscope या Natal Chart कहा जाता है, व्यक्ति के जन्म के समय, तिथि, और स्थान के आधार पर निर्मित एक चार्ट है। इसमें उस समय की ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति को दर्शाया जाता है। कुंडली में 12 भाव और 12 राशियाँ होती हैं, और ग्रहों को राशिनुसार निरूपित किया जाता है। इसके मुख्य घटक ग्रह सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, और केतु हैं।
12 राशियाँ: ज्योतिष शास्त्र में 12 राशियाँ होती हैं: मेष, वृषभ, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुम्भ, और मीन। प्रत्येक राशि व्यक्ति के जीवन के विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करती है।
12 भाव: कुंडली में 12 भाव होते हैं, जो जीवन के विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। जैसे, प्रथम भाव (लग्न) व्यक्ति के व्यक्तित्व को दर्शाता है, जबकि द्वितीय भाव धन और परिवार को दर्शाता है।
नक्षत्र (Constellations): कुंडली के विश्लेषण में 27 नक्षत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्रत्येक नक्षत्र के 4 चरण होते हैं। नक्षत्रों के आधार पर ही दशा काल का पता चलता है। जन्म कुंडली के आधार पर ज्योतिषी व्यक्ति के भविष्य, स्वभाव, और जीवन की संभावनाओं के बारे में भविष्यवाणी करते हैं, और इसे विवाह, करियर, स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण निर्णयों के संदर्भ में सलाह लेने के लिए उपयोग किया जाता है।
Copyright © 2024 Astro Vastu Pooja All Rights Reserved. © Designed by WebtechRainbow