Educational astrology – शिक्षा से संबंधित ज्योतिषीय सलाह शिक्षा एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से व्यक्ति ज्ञान, कौशल, मूल्यों, और विचारों को अर्जित करता है। यह व्यक्ति के मानसिक, सामाजिक और नैतिक विकास का माध्यम है। शिक्षा का उद्देश्य केवल जानकारी प्रदान करना ही नहीं है, बल्कि व्यक्तित्व का समग्र विकास करना है। यह केवल औपचारिक स्कूलों या विश्वविद्यालयों में दी जाने वाली शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि व्यक्ति के अनुभव, अवलोकन और समाज के साथ उसकी सहभागिता से भी शिक्षा प्राप्त की जा सकती है। शिक्षा का मुख्य उद्देश्य व्यक्ति के मानसिक, नैतिक और सामाजिक विकास में योगदान देना होता है, जिससे वह समाज में एक जिम्मेदार नागरिक बन सके और व्यक्तिगत व सामूहिक रूप से विकास कर सके।
Education and astrology – ज्योतिष और शिक्षा -ज्योतिष के अनुसार जन्म कुंडली में विद्या या शिक्षा का संबंध मुख्य रूप से दूसरे, चौथे, पाँचवे और नवम भाव से देखा जाता है। इसके आधार पर व्यक्ति की शिक्षा, ज्ञान, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, बौद्धिक स्तर, अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं का भी अवलोकन कर सकते हैं। Educational Astrology Consultant in Delhi
दूसरा भाव: यह भाव बचपन की शिक्षा, भाषा और संवाद की क्षमता से जुड़ा होता है। इस भाव की स्थिति से यह जाना जाता है कि व्यक्ति की प्रारंभिक शिक्षा और भाषाई ज्ञान कैसा रहेगा।
चौथा भाव: यह भाव प्रारंभिक शिक्षा (जैसे स्कूल शिक्षा) और ज्ञान के प्रति लगाव को दर्शाता है। यह भाव माता और परिवार से मिलने वाली शिक्षा और परामर्श को भी सूचित करता है।
पाँचवां भाव: इसे विद्या भाव कहा जाता है और यह उच्च शिक्षा, रचनात्मकता, और बुद्धि के स्तर का सूचक है। अगर पाँचवे भाव में शुभ ग्रह हों या इसका स्वामी अच्छा हो तो व्यक्ति को उच्च और गहन शिक्षा प्राप्त होती है।
नवम भाव: यह भाव उच्चतम शिक्षा, ज्ञान, और आध्यात्मिक अध्ययन को दर्शाता है। इसे भाग्य भाव भी कहा जाता है और यह व्यक्ति के शिक्षण और गुरुजनों से प्राप्त ज्ञान को भी बताता है। Educational Astrology Consultant in Delhi
जन्म कुंडली के अनुसार हमें उपरोक्त सभी भावों का अध्ययन करना होगा, उनके भावेश, ग्रहों का दृष्टि संबंध, ग्रह की दशा का भी अवलोकन करना होता है। इसके अलावा यदि विदेश में पढ़ाई करनी हो तो बाहरवें भाव व राहु का भी देखना चाहिए। ज्योतिष के अनुसार सभी ग्रहों का शिक्षा में कुछ न कुछ महत्वपूर्ण योगदान होता है। क्योंकि प्रत्येक ग्रह अलग अलग क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है इसी लिए
ज्योतिष में पढ़ाई के लिए सभी ग्रहों का अवलोकन करना चाहिए क्योंकि अन्य ग्रह भी दशा अंतर दशा में आते रहते है अगर कोई दशा अनुकूल नही है तो उसका उपाय करना चाहिए ।
ज्योतिष के माध्यम से शिक्षा के लिए सही विषय और स्ट्रीम के चयन में मदद ली जा सकती है। यदि आप चाहते हैं कि आपके बच्चे को कौन सा विषय लेना है या कौन से स्ट्रीम सही रहेंगी तो आप ज्योतिष की मदद ले सकते है और इसी आधार पर सही निर्णय ले सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए या सलाह हेतु आप संपर्क करे । Educational Astrology Consultant in Delhi
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