Mahamrityunjay mantra Jap

online astrology predictions

Mahamrityunjay mantra Jap

Best Vastu Shastra Consultant

महामृत्युंजय मंत्र जप यह हिंदू धर्म का एक अत्यंत शक्तिशाली और पवित्र मंत्र है। यह मंत्र भगवान शिव की स्तुति और कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इसे वेदों में “रुद्र मंत्र” के रूप में वर्णित किया गया है और यह ऋग्वेद तथा यजुर्वेद का हिस्सा है।
अमृत संजीवनी
महामृत्युंजय मंत्र —
“ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वःॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्। ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ॥”
इस मंत्र पर सम्पुट लगाकर करना अत्यंत फलदाई होता है ।
और यह महामृत्युंजय मंत्र निम्न है केवल सम्पुट हटा है मंत्र है
“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥”

मंत्र का अर्थ —
ॐ- ईश्वर का प्रतीक।
त्र्यम्बकं – तीन नेत्रों वाले (भगवान शिव)।
यजामहे – हम उनकी पूजा करते हैं।
सुगन्धिं -जो जीवन को सुगंधित और पवित्र करते हैं।
पुष्टिवर्धनम् – जो जीवन शक्ति और पोषण को बढ़ाते हैं।
उर्वारुकमिव बन्धनात् — जैसे ककड़ी पकने पर बेल से अलग हो जाती है। Best Vastu Shastra Consultant
मृत्योर्मुक्षीय — हमें मृत्यु के बंधनों से मुक्त करें।
मा अमृतात्– हमें अमरता प्रदान करें।

भावार्थ – हम भगवान शिव की पूजा करते हैं, जो तीन नेत्रों वाले हैं, जो जीवन में सुगंध और पवित्रता फैलाते हैं और हमारे जीवन को पोषण व शक्ति प्रदान करते हैं। जैसे पका हुआ फल (ककड़ी) बेल से सहज रूप से अलग हो जाता है, वैसे ही हे प्रभु, हमें संसार के बंधनों और मृत्यु के भय से मुक्त करें और हमें अमरता या शाश्वत आत्मा का ज्ञान प्रदान करें ।
महामृत्युंजय मंत्र का महत्व –
यह मंत्र मृत्यु के भय को दूर करता है और व्यक्ति को मानसिक व आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है।
यह मंत्र आरोग्य और दीर्घायु प्रदाता है इस मंत्र के जप से रोगों से मुक्ति और जीवन का वरदान मिलता है।
आध्यात्मिक उन्नति की दृष्टि से यह मंत्र साधक को आत्मा के शुद्धिकरण और मोक्ष प्राप्ति की दिशा में आगे बढ़ाता है। Best Vastu Shastra Consultant

यह मंत्र संकटो , से कष्टों से, बाधाओं से मुक्ति दिलाता है
रोग और बीमारियों को दूर करने के लिए , शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए इस मंत्र का जप किया जाता है
जप संख्या — किसी कष्ट या रोग को दूर करने के लिए इस मंत्र का सवा लाख जप का विधान है और उसका दशांश हवन अर्थात 12500 आहुति हवन की होती है जप संख्या अधिक बढ़ाकर हवन को थोड़ा छोटा किया जा सकता है । या सामर्थ्यानुसार सवा लाख का आधा या चौथाई भी किया जा सकता है ।
किसी साफ-सुथरे पर स्थान पर या शिव मंदिर में जप करे , 5 से 7 योग्य ब्राह्मणों का वरण करके पूजा आरंभ करें   Best Vastu Shastra Consultant
भगवान शिव का रुद्राभिषेक भी साथ मे करे
और जप में रुद्राक्ष की माला का उपयोग करके मंत्र का जप करें।
जब भी आपत्ति आये या कष्ट आये या कोई बीमारी हो तुरंत स्नान करके महामृत्युंजय मंत्र को करने से भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है

इस मंत्र का नियमित जप भी किया जा सकता है यह मंत्र जीवन में सकारात्मकता, मानसिक शांति, और आत्मबल प्रदान करता है Best Vastu Shastra Consultant