भारतीय ज्योतिष की बारह राशियों में आठवीं राशि है। इसका स्वामी ग्रह मंगल है और यह एक स्थिर राशि है इसे जल तत्व की राशि माना जाता है। वृश्चिक राशि का प्रतीक चिन्ह बिच्छू है, जो इस राशि के लोगों की रहस्यमय और जटिल स्वभाव को दर्शाता है।
वृश्चिक राशि के लोग भावनात्मक, रहस्यमय और तीव्र व्यक्तित्व वाले होते हैं। ये अपने विचारों और भावनाओं को गहराई से महसूस करते हैं और दूसरों से भी इसी प्रकार के जुड़ाव की अपेक्षा रखते हैं। ये लोग अत्यधिक दृढ़निश्चयी और साहसी होते हैं।
किसी भी परिस्थिति में अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की क्षमता रखते हैं।
इनके अंदर गहरी अंतर्दृष्टि होती है और ये सच को पहचानने में सक्षम होते हैं।
वफादारी और अपने रिश्तों में गहराई इनकी सबसे बड़ी खासियत है।
कभी-कभी इनका स्वभाव अत्यधिक स्वामित्वपूर्ण और ईर्ष्यालु हो सकता है।
ये गुस्सैल और जिद्दी स्वभाव होते हैं।
इनके अंदर गुप्त रूप से चीजें छिपाने की आदत हो सकती है।
वृश्चिक राशि के लोग नेतृत्व और खोजबीन से संबंधित क्षेत्रों में सफल होते हैं।
ये डॉक्टर, वैज्ञानिक, अनुसंधानकर्ता, जासूस, या मनोवैज्ञानिक जैसे क्षेत्रों में काम करने में रुचि रखते हैं।
ये अपने रिश्तों में अत्यधिक गहरे और वफादार होते हैं।
अपने साथी से भी पूरी निष्ठा और पारदर्शिता की अपेक्षा करते हैं।
भावनात्मक संतुलन इनके रिश्तों को मजबूत बनाता है।
इनका भाग्यशाली रंग लाल, गहरा मैरून होता है एवं भाग्यशाली अंक: 9, 18, 27 होता है भाग्यशाली दिन मंगलवार है ।
वृश्चिक राशि को ज्योतिष में रहस्य, शक्ति और परिवर्तन का प्रतीक माना जाता है। इस राशि के लोग जीवन में चुनौतियों का सामना कर खुद को निखारने की क्षमता रखते हैं। इनका रहस्यमय और गहन स्वभाव इन्हें दूसरों से अलग बनाता है।
पश्चिमी ज्योतिष के अनुसार वृश्चिक राशि 23 अक्टूबर से 21 नवंबर तक रहती है
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